पूर्व सैनिकों के पुनर्वास के लिए निदेशालय सामान्य पुनर्वास (DGR) की सभी योजनाएँ

परिचय

भारतीय सशस्त्र बलों में सेवा करने वाले सैनिक देश की रक्षा के लिए अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा समर्पित करते हैं। हालांकि, सेवानिवृत्ति के बाद उनके सामने रोजगार, स्वास्थ्य और पुनर्वास से संबंधित कई चुनौतियाँ होती हैं। इन्हीं चुनौतियों का समाधान करने के लिए निदेशालय सामान्य पुनर्वास (Directorate General Resettlement – DGR) की स्थापना की गई थी। यह पूर्व सैनिक कल्याण विभाग (Department of Ex-Servicemen Welfare – DESW), रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है और पूर्व सैनिकों के पुनर्वास तथा उन्हें रोजगार दिलाने में सहायक सिद्ध होता है।

DGR पूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के लिए विभिन्न योजनाएँ चलाता है, जिससे वे नागरिक जीवन में फिर से स्थापित हो सकें। इस लेख में हम DGR की सभी प्रमुख योजनाओं और उनके लाभों पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

  1. सुरक्षा एजेंसी योजना (Security Agency Scheme)

पूर्व सैनिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए DGR सुरक्षा एजेंसी योजना चलाता है। इसके तहत पूर्व सैनिकों, सेवानिवृत्त अधिकारियों और JCOs को निजी और सरकारी संगठनों में सुरक्षा सेवाएँ प्रदान करने का अवसर दिया जाता है।

मुख्य विशेषताएँ:

✅ DGR द्वारा पंजीकृत सुरक्षा एजेंसियों को सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठानों में सुरक्षा सेवाएँ प्रदान करने का अवसर मिलता है।
✅ इस योजना के तहत पूर्व सैनिकों को सुरक्षा गार्ड और सुपरवाइजर के रूप में नियुक्त किया जाता है।
✅ रक्षा बलों के सेवानिवृत्त अधिकारी सुरक्षा एजेंसी के संचालन का लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं और अपने अधीन पूर्व सैनिकों को सुरक्षा सेवाओं में नियुक्त कर सकते हैं।
✅ यह योजना पूर्व सैनिकों के लिए एक स्थायी और सुरक्षित रोजगार का अवसर प्रदान करती है।

  1. कोयला परिवहन योजना (Coal Transportation Scheme)

यह योजना विशेष रूप से सेवानिवृत्त अधिकारियों (Colonel और उच्चतर रैंक) के लिए है, जिसमें वे कोयला खदानों से विभिन्न स्थानों तक कोयला परिवहन का ठेका प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्य विशेषताएँ:

✔ यह योजना विशेष रूप से पूर्व सैनिक अधिकारियों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का अवसर प्रदान करती है।
✔ DGR के माध्यम से रक्षा मंत्रालय कोयला परिवहन कंपनियों को अनुबंध प्रदान करता है।
✔ पूर्व सैनिकों द्वारा संचालित कंपनियाँ कोयला खदानों से बिजली संयंत्रों और अन्य स्थानों तक कोयला ढुलाई का ठेका प्राप्त कर सकती हैं।
✔ इस योजना से पूर्व सैनिकों को व्यापार के क्षेत्र में अवसर मिलता है और वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

  1. पुनर्वास प्रशिक्षण कार्यक्रम (Resettlement Training Programmes)

DGR विभिन्न कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है, जिससे पूर्व सैनिक निजी और सरकारी क्षेत्र में पुनः स्थापित हो सकें।

प्रमुख प्रशिक्षण कार्यक्रम:

📌 मैनेजमेंट ट्रेनिंग प्रोग्राम: प्रबंधन कौशल विकसित करने के लिए पूर्व सैनिकों को IIM, XLRI, MDI जैसी प्रमुख संस्थानों में प्रशिक्षण दिया जाता है।
📌 आईटी और टेक्नोलॉजी प्रशिक्षण: आईटी, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और नेटवर्किंग में पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
📌 व्यावसायिक प्रशिक्षण: ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग, लॉजिस्टिक्स, अकाउंटिंग और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में पूर्व सैनिकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
📌 रिटेल और हॉस्पिटैलिटी ट्रेनिंग: होटल इंडस्ट्री, सुपरमार्केट और अन्य क्षेत्रों में पुनर्वास के लिए विशेष प्रशिक्षण।

✅ इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से पूर्व सैनिक निजी कंपनियों और सरकारी संगठनों में रोजगार पाने में सक्षम होते हैं।
✅ यह प्रशिक्षण पूरी तरह से निःशुल्क होता है और कई मामलों में स्टाइपेंड भी प्रदान किया जाता है।

  1. पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी आवंटन योजना

DGR इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम जैसी कंपनियों के साथ साझेदारी करके पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों की विधवाओं और दिव्यांग सैनिकों को पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी खोलने का अवसर प्रदान करता है।

मुख्य विशेषताएँ:

✔ पूर्व सैनिकों को रियायती दरों पर पेट्रोल पंप और गैस एजेंसी का लाइसेंस दिया जाता है।
✔ यह योजना स्वरोजगार को बढ़ावा देने और पूर्व सैनिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
✔ इस योजना में SC/ST/OBC वर्ग के पूर्व सैनिकों को विशेष आरक्षण दिया जाता है।
✔ DGR द्वारा चयन प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को आसानी से लाइसेंस प्राप्त हो सके।

  1. सरकारी नौकरियों में आरक्षण (Reservation in Government Jobs)

सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में पूर्व सैनिकों के लिए विशेष आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

मुख्य विशेषताएँ:

📌 केंद्रीय और राज्य सरकार की नौकरियों में 10% से 20% तक आरक्षण
📌 ग्रुप ‘C’ और ग्रुप ‘D’ पदों में पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाती है।
📌 बैंकों, रेलवे, रक्षा विभाग, और पुलिस बल में पूर्व सैनिकों की सीधी भर्ती
📌 SSC, UPSC, PSC परीक्षाओं में पूर्व सैनिकों के लिए विशेष कोटा और छूट

✅ इस योजना का मुख्य उद्देश्य पूर्व सैनिकों को सरकारी नौकरियों में पुनः स्थापित करना है।

  1. स्वरोजगार योजना (Self-Employment Schemes)

पूर्व सैनिकों को स्वरोजगार अपनाने के लिए वित्तीय सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।

मुख्य योजनाएँ:

प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) के तहत पूर्व सैनिकों को व्यवसाय शुरू करने के लिए रियायती ऋण दिया जाता है।
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (NSIC) के साथ साझेदारी में पूर्व सैनिकों को स्टार्टअप और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
डेयरी फार्मिंग, पोल्ट्री फार्मिंग, कृषि आधारित व्यवसाय और अन्य स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के माध्यम से पूर्व सैनिकों को लघु उद्यमों के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

✅ यह योजना पूर्व सैनिकों को व्यवसाय के क्षेत्र में अवसर प्रदान करती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होती है।

निष्कर्ष

DGR द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह संगठन पूर्व सैनिकों को रोजगार, स्वरोजगार और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें नागरिक जीवन में पुनः स्थापित करने में मदद करता है।

यदि आप पूर्व सैनिक हैं और DGR की किसी भी योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो DGR की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

📢 पूर्व सैनिकों के पुनर्वास और रोजगार के लिए DGR की योजनाएँ एक सुनहरा अवसर हैंइसे ज़रूर अपनाएँ! 🚀

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